सुप्रीम कोर्ट: ‘यह चुनावी बुखार है या चुनावी वायरस? सभी अदालत में भाग रहे हैं’, बिक्रम मजीठिया की याचिका पर सीजेआई की टिप्पणी
बिक्रम मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। तब तक मजीठिया को मिली राहत। चन्नी सरकार ने 2018 के एक मामले में स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर मजीठिया के खिलाफ मादक पदार्थ निवारण कानून (एनडीपीएस एक्ट) की धारा 25, 27 ए और 29 के तहत एफआईआर दर्ज की है।
सुप्रीम कोर्ट शिरोमणि अकाली दल के नेता व पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा ड्रग्स के मामले में दायर अग्रिम जमानत याचिका पर 31 जनवरी को सुनवाई के लिए सहमत हो गई है। शीर्ष अदालत ने पंजाब राज्य से अगले सोमवार तक मजीठिया के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को कहा है।
वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने प्रधान न्यायाधीश सीजेआई एनवी रमण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष मजीठिया की याचिका का उल्लेख किया और उसे तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की। रोहतगी ने कहा, ‘यह राजनीतिक प्रतिशोध है। उन्हें पुलिस स्टेशन बुलाया गया है। यह सब चुनावी बुखार के कारण है।
इस पर सीजेआई रमण ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘यह चुनावी बुखार है या चुनावी वायरस? सभी अदालत में भाग रहे हैं।’ रोहतगी ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मजीठिया की अग्रिम जमानत की मांग वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया, लेकिन तीन दिन का संरक्षण प्रदान किया था। पुलिस को पता है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है लेकिन उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है।
इस पर जस्टिस रमण ने पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम से कहा, ‘क्या यह उचित है? जब आप जानते हैं कि उनकी याचिका सूचीबद्ध होने जा रही है?’ चिदंबरम ने बताया कि हाईकोर्ट ने 24 जनवरी को मजीठिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद वह छिप गए हैं और अब वह वकील के माध्यम से पेश हो रहे हैं।’
इस पर जस्टिस रमण ने चिदंबरम से कहा, ‘आप राज्य सरकार से फिलहाल कुछ भी न करने के लिए कहें। हम सोमवार को याचिका पर सुनवाई करेंगे।’
मजीठिया ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की एकल पीठ के 24 जनवरी के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज एक एनडीपीएस मामले में उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
क्या है बिक्रम मजीठिया मामला
पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स मामले में कांग्रेस की चन्नी सरकार ने एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर के बाद से ही मजीठिया लापता हैं। उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया गया है। दरअसल पंजाब में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इसलिए ड्रग्स रैकेट का यह मामला फिर गरमा रहा है। 6000 करोड़ का ड्रग्स रैकेट बड़ा सियासी मुद्दा बन गया है। इसका भंडाफोड़ 2013 में हुआ था। बिक्रम मजीठिया के तार इससे तब जुड़े जब पंजाब पुलिस के बर्खास्त डीएसपी जगदीश भोला ने गिरोह में मजीठिया के शामिल होने का आरोप लगाया। मजीठिया पर हवाला के जरिए 70 लाख रुपयों के लेनदेन का भी आरोप लगाया गया था। चन्नी सरकार ने 2018 के एक मामले में स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर मजीठिया के खिलाफ मादक पदार्थ निवारण कानून (एनडीपीएस एक्ट) की धारा 25, 27 ए और 29 के तहत एफआईआर दर्ज की है।
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